अमेठी जिले के गौरीगंज स्टेशन पर ट्रेन से कटकर मौत

पंकज
रायबरेली। जिस लाल को हंसी-ठिठाेली के बीच सेहरा बांधकर दुल्हन लाने के लिए भेजा था। किसे पता था कि उसके मौत की खबर आएगी। देर रात जब उसके ट्रेन से कटकर मौत होने की सूचना गांव पहुंची तो हर कोई स्तब्ध रह गया। बेटे के साथ बहू के इंतजार में बैठी मां, बहन समेत सभी रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल था। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि उनका लाल ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर लिया है। किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा है कि इतनी जल्दी यह सब कैसे हो गया। लेकिन एक सत्य यह भी है कि ऊपरवाले की बनाई गई नगरी में जिंदगी और मौत के बीच कभी-कभी कुछ घटनाएं ऐसी हो जाती हैं कि बरबस आंखों से आँसू छलक उठते है।
शुक्रवार को गौरीगंज के बनी रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध परिस्थितियों में खुदखुशी करने वाले दूल्हे रवि को उसके बूढ़े पिता ने जब कंधा दिया तो देखने वालों की रूह कांप उठी। बेटे की अर्थी संसार मे बूढ़े कंधों पर होना सबसे बड़ा बोझ है। जिस बेटे को प्यार-दुलार से पाला था। पढा लिखाकर उसे उसको काबिल बनायाथा। उसके शव को को जब पिता रामकिशोर यादव ने अग्नि दी तो मानो लोगो की अंतरात्मा अंदर ही अंदर रो पड़ी थी। जलती चिता के बीच बूढ़ा बाप ईश्वर को कोस रहा था। वही अंतिम संस्कार में शामिल परिवार और रिश्तेदार सवालों का जवाब तलाश रहे थे कि शादी की दिन रवि ने खुदखुशी क्यो की है..? कोतवाली प्रभारी शिवशंकर सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया पर उन्होंने घटना की पोस्ट देखी है।घटना स्थल गौरीगंज है।अगर तहरीर मिलती है तो पुलिस जो सहायता हो सकेगी पीड़ित परिवार की करेगी।
इनसेट
सूंची कस्बे के रहने वाले पुलिस मकहमे से सेवानिवृत्त राम किशोर यादव के तीन बेटे और पांच बेटियां है। उनके बड़े लड़के अजीत यादव की पांच माह पूर्व एक साधारण बीमारी से मौत हो चुकी है। दूसरे बेटा रवि था जिसने शुक्रवार को बनी गौरीगंज रेलवे स्टेशन पर संदिग्ध परिस्थितियों में आत्महत्या कर ली है। जबकि तीसरा लड़का प्रिंश बैंक में नौकरी करता है। शनिवार को शव गांव पहुंचते ही परिजनों के बीच चीख पुकार मच गई। परिजन छाती पीट-पीटकर रो रहे थे। गांव में मौजूद लोगों की आंखें नम थी।
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