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रायबरेली में बस स्टेशन से सटी 24 दुकानों पर चलेगा बुलडोजर

सिटी मजिस्ट्रेट ने सुनाया फैसला, परिवहन निगम की जमीन पर वर्षों से काबिज हैं दुकानदार

पंकज कुमार

रायबरेली। शहर के व्यस्ततम बस स्टेशन चौराहा पर स्थित परिवहन निगम की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर दुकान आदि संचालित करने वालों के खिलाफ नगर मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने आखिर अंतिम फैसला सुना ही दिया। बस स्टेशन के आसपास परिवहन निगम की जमीन पर कब्जा जमाए दुकानदारों पर कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। इससे दुकानदारों ने हड़कंप मचा हुआ है। कोर्ट ने अवैध कब्जेदारों पर एक लाख रुपए जुर्माना लगाने के साथ ही अपनी जमीन पर वादग्रस्त भूमि पर कब्जा करने के लिए उप्र परिवहन निगम को आदेश की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश भी जारी किया है। इसके साथ ही निगम के लिए अब लगभग कई वर्षों से काबिज इन कब्जेदारों को हटाने का रास्ता साफ हो गया है। सिटी मजिस्ट्रेट राम अवतार ने कोर्ट आर्डर करते हुए दर्जनों अवैध कब्जेदारो के निर्माण को अवैध बताते हुए क्षतिपूर्ति देने को कहा है। वर्ष 1954 में बस स्टेशन के निर्माण के लिए राजकीय अभिलेखों में दर्ज सदर तहसील के भीकमपुर गांव की भूमि विशेष भूमि अध्याप्ति अधिनियम के प्रावधानों के तहत अधिग्रहीत की गई थी। भूमि स्वामी को उक्त अधिग्रहीत का मुआवजा भी दे दिया गया था। भूमि के मालिक द्वारा मुआवजा मिलने और निगम का कब्जा होने के बाद भी अनाधिकृत रूप से दुकानदारों को दुकान बनवाकर व्यवसाय करने की अनुमति दे दी गई। जिस पर अवैध कब्जदारों ने कब्जा करके दुकान बना ली थी। इस पर निगम की ओर से भूस्वामियों को अधिवक्ता के माध्यम से 26 फरवरी 2008 को नोटिस दी गई थी। नोटिस देने के बाद निर्धारित समय सीमा के अन्दर न तो अवैध निर्माण हटवाए गए और न ही भूमि पर निगम को कब्जा दिया गया। इसके बाद मामला सिटी मजिस्ट्रेट की कोर्ट पहुंचा। इसमें निगम की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले 24 दुकानदारों के विरुद्ध अलग-अलग मामला दायर किया गया। इसके बाद अब जाकर निगम को उसकी जमीन मिलने का रास्ता साफ हो सका है।

एआरएम दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि उन्हें सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश की जानकारी तो मिली है, लेकिन अभी वह कुछ कह नहीं सकते। ऑफिस कॉपी आने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।