अमृत योजना से चल रहे सीवर प्रकरण में गड़बड़ी, 178 करोड़ का ठेका
विधायक बोली, सीवर खोदाई से शहर की सड़के बेहद खराब है आमजन हो रहे परेशान

संवाददाता, रायबरेली। अमृत योजना में अफसरों की ढिलाई उनके गले की उस समय फांस बन गई, जब एक दिवसीय दौरे पर आए प्रमुख सचिव के सामने सदर विधायक अदिति सिंह ने एक के बाद करके कई खामियां गिना दी। इसके बाद मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन मनोज कुमार सिंह ने खामियों के बाबत अफसरों से पूछना शुरू किया तो बगल झांकते दिखाई दिए। कार्यदायी संस्था केके स्पन द्वारा निर्धारित समय में कार्य पूरा नहीं करने समेत कई शिकायतें मिलने पर मातहतों को जमकर फटकार लगाई। साथ ही जिलाधिकारी को कार्यदायी संस्था केके स्पन इडिंया लिमिटेड को ब्लैक लिस्टेड करने का निर्देश दिया।

मुख्य सचिव अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण कार्यक्रम के दौरान अमृत योजनान्तर्गत निर्मित गोडवा गदियानी स्थित सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट (18 एमएलडी क्षमता, एसबीआर तकनीक आधारित) का निरीक्षण किया। मुख्य सचिव ने सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट पर निर्मित प्रशासनिक भवन के मीटिंग हाल में योजना के मुख्य पहलुओं के बारे में जानकारी हासिल की। मुख्य अभियन्ता (लखनऊ क्षेत्र) उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) लखनऊ द्वारा 18 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण मेसर्स घारपुरे एण्ड कान्स्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड पुणे द्वारा वर्ष 2022 में पूर्ण कर दिसम्बर-2023 में नगर पालिका परिषद, रायबरेली को हस्तान्तरित किया गया है। सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लांट की ब्रान्च सीवर लाइनों के कार्य मेसर्स केके स्पन इण्डिया लिमिटेड, फरीदाबाद (हरियाणा) द्वारा कराया जा रहा है। इसकी लागत 168 करोड़ है, जिसके अंतर्गत 178 किमी सीवर लाइन बिछाया जाना प्रस्तावित है। मुख्य सचिव को बताया गया कि अब तक 110 किमी सीवर लाइन के कार्य किया जा चुका है। लक्ष्य को पूर्ण करने के सापेक्ष 14 किमी सीवर लाइन बिछाया जाना शेष है, जिसमें चार किमी सीवर लाइन ट्रेन्चलेस विधि से किया जाना अपरिहार्य है।

सदर विधायक ने फर्म पर शहर को बिगाड़ने का लगाया आरोप
इसी दौरान विधायक, सदर द्वारा अवगत कराया गया कि विधान सभा क्षेत्र सदर में लगभग 10 किमी सड़क पुर्नस्थापना का कार्य शेष है। इस पर मुख्य सचिव द्वारा निर्देशित किया गया कि मेसर्स केके स्पन इण्डिया लिमिटेड के विरूद्ध अनुबन्ध के आलेख में ब्लैक लिस्टिंग की कार्यवाही कराते हुये अवशेष कार्य के लिए अग्रिम कार्यवाही करायी जाये। इसके बाद मुख्य सचिव ने सीवरेज शोधन संयत्र (एसटीपी) का निरीक्षण किया गया।

इनलेट बीओडी के बारे में अधिशासी अभियन्ता, जल निगम (नगरीय) द्वारा अवगत कराया गया कि लगभग 70-100 मिली बीओडी प्राप्त हो रही है। प्लान्ट पूर्णतया क्रियाशील है। प्लान्ट्स से मानक अनुरूप पैरामीटर प्राप्त हो रहे है। मुख्य सचिव द्वारा ओसीएमएस को देखा गया, जो क्रियाशील पाया गया। इस मौके पर जिलाधिकारी हर्षिता माथुर, पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय, एक्सईएन जल निगम (नगरीय) देवेंद्र कुमार, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद स्वर्ण सिंह मौजूद रहे।
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