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धूमधाम से मना धम्म विजय दिवस

रायबरेली : चक्रवर्ती सम्राट अशोक चेतना संस्थान की ओर से त्रिपूला में धम्म विजय दिवस धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित किया गया। इसके बाद अशोक स्तंभ पर दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की गई। संरक्षक अनिल मौर्य ने बताया कि विजयदशमी सम्राट अशोक के कलिंग युद्ध में विजयी होने के दसवें दिन तक मनाए जाने के कारण इसे अशोक विजयदशमी कहते हैं। इसी दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धम्म दीक्षा ली थी।

नंदलाल मौर्य और राजा राम मौर्य ने बताया कि ऐतिहासिक सत्यता है कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद हिंसा का मार्ग त्याग कर बौद्ध धम्म अपनाने की घोषणा कर दी थी। बौद्ध बन जाने पर वह बौद्ध स्थलों की यात्रा पर गए। तथागत गौतम बुद्ध के जीवन को चरितार्थ करने और अपने जीवन को कृतार्थ करने के निमित्त हजारों स्तूपों, शिलालेखों व धम्म स्तंभों का निर्माण कराया। सम्राट अशोक के इस धार्मिक परिवर्तन से खुश होकर देश की जनता ने उन सभी स्मारकों को सजाया, संवारा और दीपोत्सव किया। यह आयोजन 10 दिनों तक चलता रहा। दसवें दिन महाराजा ने राजपरिवार के साथ पूज्य भंते मोग्गिलिपुत्त तिष्य धम्म से दीक्षा ग्रहण की। धम्म दीक्षा के उपरान्त महाराजा ने प्रतिज्ञा की कि आज के बाद में शस्त्रों से नहीं बल्कि शांति और अहिंसा से प्राणी मात्र के दिलों पर विजय प्राप्त करूंगा। इसीलिए संपूर्ण बौद्ध जगत इसे अशोक विजयदशमी के रूप में मनाता है। इस मौके पर अजीत मौर्य, रवि शंकर मौर्य, डीडी कुशवाहा, वासुदेव मौर्य, राजेंद्र मौर्य आदि मौजूद रहे।