
– सीएमएस से अव्यवस्था मिलने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी

बुधवार को डीएम ने जिला महिला अस्पताल का निरीक्षण किया। अचानक डीएम के जिला महिला अस्पताल पहुंचने से वहां हलचल मच गई। आनन-फानन सीएमएस से लेकर नर्सिंग स्टॉफ खुद को एक्टिव दिखाने में जुट गया। डीएम ने सबसे पहले वार्डों का निरीक्षण किया तथा भर्ती महिला मरीजों से जानकारी ली। इस दौरान खानपान से लेकर दवा की सुविधा के बारे में जानकारी ली गई। इसके बाद डीएम ने महिला अस्पताल के टायलेटों का निरीक्षण किया। एक टायलेट में डीएम ने खुद टोंटी से पानी को चेक किया को उसमें पानी नहीं मिला। इस पर एडीएम प्रशासन ने प्रफुल्ल त्रिपाठी ने दूसरी टोंटी चेक की तो पानी आता मिला। यह देख सीएमएस और अन्य स्टॉफ को राहत मिली। इसके बाद डीएम ने ऑपरेशन थियेटर को देखा। वहां पर रजिस्टर उठाकर देखा कि रेफरल रेट कितना है। इस पर डीएम ने साफ कहा कि रेफरल रेट को बिल्कुल कम कर दिया जाए। जब अस्पताल में सारी सुविधाएं हैं तो फिर मरीजों को रेफर न किया जाए। बहुत क्रिटिकल कंडीशन में ही महिला मरीज को रेफर किया जाए।

डीएम ने अस्पताल के बाहर वाहनों के खड़े होने पर आपत्ति दर्ज की। साफ कहा कि अस्पताल के बाहर वाहन नहीं खड़े होंगे तथा स्टैंड बना है तो उसी में वाहन खड़े होंगे। डीएम ने जननी सुरक्षा योजना के बारे में भी जानकारी ली। कितनी महिलाओं को इसका लाभ मिला है इसका पूरा डाटा देखा। साथ ही लाभार्थियों को नंबर लिखे हैं कि नहीं, इसकी पड़ताल की। ब्लड सैंपल जांच, एसएनसीयू को भी देखा। एसएनसीयू और कंगारू मदर यूनिट में कितने बच्चे भर्ती हैं तथा उनको कितनी सुविधा मिल रही है। इसकी जानकारी ली। एसएनसीयू में भर्ती बच्चों की स्थिति के बारे में भी डीएम ने चिकित्सकों से बात की। निर्देश दिए कि बच्चों का खास ख्याल रखा जाए तथा कोई कोताही न बरती जाए।

डीएम ने भर्ती होने वाली महिला मरीजों का भी चार्ट देखा तथा बेड टिकट मिलने में किसी भी महिला मरीज को कोई दिक्कत न हो इसके निर्देश दिए गए। डीएम हर्षिता माथुर ने सीएमएस से सवाल भी किया कि जब यहां सब कुछ ठीक होने की बात हो रही है तो भी सबसे अधिक शिकायत महिला जिला अस्पताल की क्यों आती हैं। इस पर सीएमएस कोई जवाब नहीं दे सकी। अस्पताल में प्रसाधन केंद्रों पर गंदगी देख डीएम ने नाराजगी जाहिर की।
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