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हिजबुल्ला की इंट्री हुई तो मिडिल ईस्ट बन जाएगा खूनी रण क्षेत्र


– गाजा पर इजराइल के घुसने पर हिजबुल्ला कर सकता इजराइल पर हमला
बेरुत: इजरायल और फिलिस्तीन के बीच बरसों पुराना विवाद इजराइल-फिलिस्तीन विवाद अब एक खतरनाक मोड़ ले चुका है। शनिवार को फिलिस्तीनी संगठन हमास ने गाजा बॉर्डर से इजरायल की तरफ कुछ मिनटों में 5 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे. लगातार 6 दिन से दोनों तरफ से मिसाइलें और रॉकेट दागे जा रहे हैं. बमबारी की जा रही है. इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच लेबनान के हिजबुल्लाह ग्रुप का नाम भी सामने आया है। हिजबुल्लाह ने 8 अक्टूबर 2023 को एक बयान में कहा कि उसने सीरिया के इजरायली कब्जे वाले गोलान हाइट्स की सरहद पर स्थित विवादित शेबा फार्म्स में इजरायली ठिकानों पर रॉकेट और गोले दागे. हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने ये हमले करके फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाई है।
मिडिल ईस्ट में हिजबुल्लाह का मतलब होता है अल्लाह/ईश्वर की पार्टी. यह लेबनान का एक ‘शिया मुस्लिम’ राजनीतिक दल और अर्द्धसैनिक संगठन है. इसे लेबनान में यह राजनीतिक दल के तौर पर जाना जाता है. इजरायली सेना के अनुसार, हिजबुल्लाह के पास मौजूदा समय में करीब 1 लाख लड़ाके हैं. इनमें से 20000 एक्टिव रहते हैं और बाकियों स्टैंड बाय पर रखा जाता है। हिजबुल्लाह के लड़ाकों की ट्रेनिंग वर्ल्ड क्लास होती है। ये किसी भी मुल्क के आर्म्स फोर्सेज से लड़ सकते हैं। कई मामलों में हिजबुल्लाह के लड़ाके उनसे बेहतर भी हैं। हिजबुल्लाह के लड़ाके बहुत अनुशासित और प्रशिक्षित होते हैं। सीरियाई युद्ध में लड़ने के कारण हिजबुल्लाह एक अनुभवी मिलिशिया ग्रुप है। इसके पास 1.5 लाख से ज्यादा रॉकेट हैं। ये अपनी मारक क्षमता पर उन मिसाइलों से बहुत बेहतर हैं, जिनका इस्तेमाल हमास इजरायल के खिलाफ करता है। हिजबुल्लाह, पश्चिम एशिया में इजरायल और पश्चिमी प्रभाव का विरोध करता है. यह रूस और ईरान के साथ मिलकर, सीरिया में गृह युद्ध के दौरान राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का भी समर्थन कर चुका है। मौजूदा वक्त में लेबनान की 128 सदस्यीय संसद में से 13 सीटों पर हिजबुल्लाह का कब्जा है। मौजूदा वक्त में हिजबुल्लाह का नेतृत्व हसन नसरल्लाह कर रहे हैं। 1992 में इजरायल ने हिजबुल्लाह के सह-संस्थापक और संगठन के पिछले नेता अब्बास अल-मुसावी की हत्या करा दी थी. इसके बाद हसन नसरल्लाह ने महासचिव का पद संभाला था. नसरल्लाह पर सात सदस्यीय ‘शूरा परिषद’ और उसकी पांच उपपरिषदों (राजनीतिक सभा, जिहाद सभा, संसदीय सभा, कार्यकारी सभा और न्यायिक सभा) की जिम्मेदारी है। बताते हैं कि हिजबुल्लाह, लेबनान के ज्यादातर शिया-बहुल इलाकों को नियंत्रित करता है. इसमें बेरूत, दक्षिणी लेबनान और पूर्वी बेका घाटी क्षेत्र के कुछ हिस्से शामिल हैं.
ईरान हिजबुल्लाह को सबसे ज्यादा फंडिंग करता है. ईरान इस संगठन को हथियार मुहैया करता है. साथ ही अन्य चीजों के लिए भारी भरकम रकम देता है. हिजबुल्लाह को लीगल बिजनेस, इंटरनेशनल क्रिमिनल इंटरप्राइजेज और लेबनानी माइग्रेट्स से भी करोड़ों डॉलर की मदद मिलती है। इजरायल, हिजबुल्लाह का सबसे बड़ा दुश्मन है. इस दुश्मनी का इतिहास 1978 में दक्षिणी लेबनान पर इजरायल के कब्जे के वक्त से चला आ रहा है. हिजबुल्लाह को विदेशों में यहूदी और इजरायली ठिकानों पर हमलों के लिए दोषी भी ठहराया जा चुका है।