
– जिला अस्पताल में भर्ती 10 प्रसूताओं को कंपकंपी और बुखार आने से हड़कंप
रायबरेली : जिला महिला अस्पताल में शुक्रवार को उस समय समूचा प्रबंध तंत्र सतर्क हो गया, जब इंजेक्शन लगने से प्रसूताओं की हालत बिगड़ने लगी। सिजेरियन की प्रक्रिया से गुजरने के बाद वार्ड में शिफ्ट हो चुकी प्रसूताओं को घाव सुखाने के लिए जरूरी एंटीबायोटिक इंजेक्शन लगाते ही उनके शरीर में कंपन के साथ मिचली आने लगी। इससे तीमारदारों के हाथ-पैर फूल गए। मामले की त्वरित जानकारी अस्पताल प्रशासन को दिया गया। आनन-फानन चिकित्सकों की टीम दौड़ी और उसके बाद प्रसूताओं की हालत स्थिर हो सकी। मामले में डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं।
जिला महिला अस्पताल में सुबह 8 बजे उस समय अफरातफरी मच गई जब प्रसूताओं को रूटीन की तरह इंजेक्शन, दवा दी गई। इस दौरान इंजेक्शन लगते ही प्रसूताओं की तबीयत बिगड़ गई। किसी को कंपकंपी होने लगी तो कोई हल्का उनींदी अवस्था में पहुंच गया। इस पर तीमारदारों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। जिससे हड़कंप मच गया। इमरजेंसी को देखकर जिला महिला अस्पताल में अलर्ट जारी कर दिया गया। सीएमएस रेनू चौधरी तथा अन्य चिकित्सकों की टीम मौके पर पहुंची और जांच की। कुछ ही मिनट में स्थिति सामान्य हो गई। जिसके बाद मरीजों के साथ अस्पताल प्रशासन ने राहत की सांस ली। करीब 10 महिलाओं को इस तरह की शिकायत आई थी। सूत्र बताते हैं कि प्रसूताओं में अधिकतर का सिजेरियन ऑपरेशन हुआ था। जिसके चलते घाव को सुखाने के लिए एंटीबायोटिक का इंजेक्शन लगाया जा रहा था। हर दिन यह इंजेक्शन लगता है लेकिन शुक्रवार को इस तरह की स्थिति उत्पन्न हो गई। ऐसा क्यों हुआ है इस पर जांच हो रही है। बताते हैं कि सेप्रिटक्जोन इंजेक्शन लगाया जा रहा था। इस इंजेक्शन की भी जांच कराई जा रही है। उधर, सीएमएस रेनू चौधरी का कहना है कि हर रोज की तरह आज भी महिला मरीजों को दवा और इंजेक्शन दिया गया था। इसके बाद कुछ मरीजों की हालत बिगड़ गई। इस पर मेडिकल स्टॉफ और चिकित्सकों की टीम दौड़ पड़ी और कुछ ही देर में स्थिति को संभाल लिया गया।

तीमारदारों में आक्रोश, लापरवाही का आरोप
दूरभाष नगर के शैलेश ने बताया कि उनकी मरीज चार दिन से भर्ती हैं। सुबह मरीज को बुखार आ रहा था। इस पर इंजेक्शन लगाने से रोका गया लेकिन इंजेक्शन लगा दिया गया। जिससे कंपकंपी शुरू हो गई। जब मौजूद चिकित्सक से कहा गया तो उनका कहना था कि उनकी ड्यूटी खत्म हो चुकी है। कहा कि यह लापरवाही है। इसी तरह खालीसहाट की बिलकिस का कहना था कि उनकी मरीज जिला महिला अस्पताल में भर्ती हैं। इंजेक्शन लगने के बाद हालत खराब हो गई। जब इसकी शिकायत की गई तो कोई सुनने वाला नहीं था। जब कई महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई तब जाकर चिकित्सक पहुंचे।
डीएम ने मजिस्ट्रियल जांच के दिए आदेश

जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने प्रकरण में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने बताया कि सुबह जिला महिला अस्पताल में महिला मरीजों के इंजेक्शन लगने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई। इस पर सीएमएस से जानकारी ली गई। पता लगा कि रोज की तरह ही इंजेक्शन और दवा दी गई थी। अब क्या रहा कि मरीजों की हालत बिगड़ गई इसे लेकर मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए गए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट प्रकाश चंद्र इसकी रिपोर्ट देंगे और उसके बाद कार्रवाई होगी।
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