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निराश्रित गोवंश पर कड़ी नजर, दो महीने का विशेष अभियान

शासन के निर्देश पर प्रत्येक जिले में बना कंट्रोल  रूम, हर दिन देनी होगी रिपोर्ट

Report by Shashank Singh Rathaur
लखनऊ। निराश्रित गोवंशों पर प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी। शासन के निर्देश पर दो महीने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। एक नवंबर से प्रारंभ अभियान 31 दिसंबर तक चलेगा। इस संदर्भ में डीएम हर्षिता माथुर के निर्देशन में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में हर दिन की रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है। साथ ही पकड़े जा रहे निराश्रित गोवंशों में आसपास के गौशालाओं में रखवाने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा एक नवम्बर से 31 दिसम्बर तक दो महीने निराश्रित गौवंश संरक्षण विशेष अभियान चलाया जा रहा है। संरक्षण अवधि के दौरान सभी विकास खण्ड स्तर पर राजस्व, विकास, नगर विकास, पशु पालन, पंचायती राज विभागों एवं गृह विभागों की टीम जिलाधिकारी के मार्गदर्शन एवं मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में कार्य करेंगी। जिलाधिकारी द्वारा निराश्रित गौवंश संरक्षण विशेष अभियान की नियमित रूप से समीक्षा की जायेगी। अभियान के प्रथम चरण में जनपद को जोड़ने वाले राष्ट्रीय व राज्य मार्गाे बहुतायत से निराश्रित गौवंश पाये जाने वाले स्थानों पर विशेष ध्यान केन्द्रित कर संरक्षण अभियान संचालित किया जाएगा।

देर शाम बहराइच कलेक्ट्रेट से मुख्य विकास अधिकारी रम्या आर ने शासन द्वारा नामित देवी पाटन मण्डल के नोडल अधिकारी डॉ नीरज गुप्ता, अपर जिलाधिकारी गौरव निरंजन श्रीवास्तव व अन्य के साथ कैटल कैचर एवं अन्य सम्बन्धित वाहनो के दस्ते को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। प्रभारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ बद्री नाथ त्रिपाठी ने बताया कि अभियान के दौरान जनपद में निराश्रित गौवंशों को राजस्व, विकास, नगर विकास, पशु पालन, पंचायती राज विभागों एवं गृह विभाग के सहयोग से पकड़कर गौआश्रय स्थलों में संरक्षित कराया जायेगा। पूर्व से संचालित गौ आश्रय स्थलों की क्षमता वृद्धि, प्रस्तावित एवं निमार्णधीन अस्थाई एवं बृहद गौ आश्रय स्थलों का संचालन शुरू करवाते हुए उनमें भी गौवंशो का संरक्षण किया जाना है। संरक्षण अवधि के दौरान सभी विकास खण्ड स्तर पर राजस्व, विकास, नगर विकास, पशु पालन, पंचायती राज विभागों एवं गृह विभागों की टीम जिलाधिकारी के कुशल मार्गदर्शन एवं मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में कार्य करेंगी।
 
इनसेट
कैटल केचर और मल्टी पर्पज वाहन की सुविधा
निराश्रित मवेशियों के पकड़े जाने पर गौशाला पहुंचाने के लिए कैटल केचर अथवा मल्टी पर्पज वाहन उपलब्ध कराया गया है। इसकी व्यवस्था प्रत्येक तहसील स्तर पर किया गया है। साथ ही पुनरीक्षित लक्ष्य के सापेक्ष नए अस्थायी गो आश्रय स्थलों का निर्माण कराए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
प्रदेश में दो लाख से अधिक निराश्रित गोवंश
निराश्रित गोवंशों की बात करे तो प्रदेश में इनकी संख्या दो लाख से अधिक है। विभागीय आंकड़ों में दो लाख 27 हजार 600 दर्शााय गया है। इसी क्रम में लखनऊ मंडल के रायबरेली में 6500, हरदोई और सीतापुर में सात-सात हजार, उन्नाव में पांच हजार, लखनऊ में चार हजार, जबकि लखीमपुर खीरी में 3500 अनुमानित संख्या है।
रायबरेली में 65 सौ निराश्रित गोवंश
रायबरेली मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि निराश्रित गोवंशों संरक्षण के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जिले में इनकी संख्या 6500 है। डीएम के निर्देश पर टीमों का गठन किया जा चुका है। साथ ही हर दिन की  रिपोर्ट भी तैयारी की जा रही है