BEDHADAK NEWS

BedhadakNews.in

मेगाशाप और शर्मा नर्सिंग होम को बंद करने का आदेश

– डीएम के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने की कार्रवाई, अनुपालन नहीं करने पर दर्ज होगा मुकदमा

शशांक सिंह राठौर
रायबरेली : नवागंतुक डीएम हर्षिता माथुर ने बिना पार्किंग के संचालित कांप्लेक्सों पर कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। सिटी मजिस्ट्रेट ने चर्चित रहे मेगाशाप के साथ ही शर्मा नर्सिंग होम को बंद करने के आदेश के बाद बिल्डरों में खलबली मच गई है। सिटी मजिस्ट्रेट प्रकाशचंद्र ने बताया कि संबंधित संस्थान द्वारा आदेश का अनुपालन नहीं करने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इस संदर्भ में कोतवाल और तहसीलदार को निर्देशित कर दिया गया है।
रायबरेली विकास प्राधिकरण की ओर से भले ही अवैध निर्माण पर कार्रवाई की बात कही जा रही हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। अवैध निर्माण की बात करें तो सबसे अधिक सुर्खियों में मेगाशाप की इमारत रही। इसकी वजह निर्माण के दौरान ही जमीन काे लेकर विवाद का होना रहा है। विवादित जमीन होने के कारण मानचित्र स्वीकृत करने से आरडीए ने मना कर दिया। लेकिन इस दौरान अवैध निर्माण को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। बिल्डर ने प्राधिकरण से सांठगांठ करके पूरी इमारत बनवा लिया। इस दौरान जिम्मेदार खुद को बचाने के लिए कागजी कोरम ही पूरा करते रहे। वर्तमान में अभी भी इस इमारत का मामला कोर्ट में लंबित है। लेकिन सेटिंग-गेटिंग में माहिर बिल्डर ने मेगाशाप नाम से नाम-गिरामी कंपनी तक को किराये पर दे दिया। सबसे खास बात यह है कि यह सबकुछ घटनाक्रम होता रहा, लेकिन प्रशासनिक अफसर भी कुंभकर्णी नींद में सोते रहे। जबकि चंद कदम की दूरी पर विकास भवन और कलेक्ट्रेट तक है। डीएम के इस आदेश के बाद बिल्डर एक बार फिर से बचने का उपाय तलाशने लगे है। कुछ अपने पुराने मददगारों से मिलकर अफसरों तक पहुंच बनाने की फिराक में भी जुट गए हैं। अब देखना यह है कि इन दोनों इमारतों में ताला लगता है या फिर पहले की तरह की सिर्फ आदेश और कोर्ट के बहाने दोनों संचालित रहते हैं।
इनसेट
धारा 188 के तहत दर्ज होगा मुकदमा
नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि दोनों ही संस्थान बिना पार्किंग के संचालित हो रहे थे। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि बिना पार्किंग के संचालित होने वाले अन्य संस्थाओं को भी चिन्हित करके उन पर कार्रवाई की जाएगी। यदि संस्थान आदेश का अनुपालन नहीं करते हैं तो उन पर आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। इसके लिए शहर कोतवाल और सदर तहसीलदार को निर्देशित भी किया गया है। नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि बिना पार्किंग के चलने वाले संस्थानों की वजह से रोज जाम की समस्या उत्पन्न होती है। जिससे आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसी के अंतर्गत जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जो भी संस्थान बिना पार्किंग के चल रहे हैं, उन पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।