
जनसुनवाई समाधान पोर्टल की शिकायतों पर गंभीरता नहीं बरतने पर कार्रवाई
जिला स्तरीय अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर नहीं होने पर जिलाधिकारी सख्त
शशांक सिंह राठौर
रायबरेली। शासन की सख्ती के बावजूद अफसरों की लापरवाही नहीं थम रही है। जन शिकायतों को लेकर भले ही आला अफसर फिक्रमंद हो, लेकिन विभागाध्यक्ष इसको लेकर लापरवाह बने हुए हैं। हाल यह है कि जिले के अधिकारी जनसुनवाई समाधान पोर्टल पर शिकायतों पर डिजिटल सिग्नेचर नहीं कर रहे हैं। इसकी जानकारी होते ही डीएम ने सख्त रुख अख्तियार किया है। असल में इस कमजोर कड़ी से जिले की प्रगति रैंकिंग प्रभावित हो रही है। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने जनपद स्तरीय विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जनसुनवाई समाधान पोर्टल (आईजीआरएस) के लिये 1 दिसम्बर से सम्बन्धित पोर्टल पर समस्त शिकायतों का अनुमोदन डिजिटल सिग्नेचर के द्वारा किया जाना होगा। सोमवार को डीएम इसे लेकर 33 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस दिया था।
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देशानुसार अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) पूजा मिश्रा ने आईजीआरएस पोर्टल पर समस्त शिकायतों का अनुमोदन डिजिटल सिग्नेचर न करने वाले 21 विभागीय अधिकारियों को ईडीएम से समन्वयक बनाते हुए पोर्टल पर डिजिटल सिग्नेचर से अपलोड कराने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों से कहा है कि आप लोगों द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, जबकि पोर्टल के अन्तर्गत जनसामान्य से प्राप्त होने वाली शिकायतों की समीक्षा मुख्यमंत्री एवं मंडलायुक्त द्वारा की जाती है। वहीं जनपद स्तर से जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) व नोडल अधिकारी द्वारा समय-समय पर शासन के अनुरूप आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु बैठक पर की जाती है तथा वॉट्स एप ग्रुप में पत्र के माध्यम से निर्देश दिये जाते हैं। इसके बाद भी जनशिकायत पोर्टल को गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसी से प्रतिकूल प्रभाव जनपद की रेकिंग पर पड़ता है। कहा कि संबंधित विभागों को स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति से 2 दिन के अन्दर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। स्पष्टीकरण समय-सीमा में प्रस्तुत नहीं करने पर कार्रवाई होगी।
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देशानुसार अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) पूजा मिश्रा ने आईजीआरएस पोर्टल पर समस्त शिकायतों का अनुमोदन डिजिटल सिग्नेचर न करने वाले 21 विभागीय अधिकारियों को ईडीएम से समन्वयक बनाते हुए पोर्टल पर डिजिटल सिग्नेचर से अपलोड कराने के निर्देश दिए हैं. अधिकारियों से कहा है कि आप लोगों द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है, जबकि पोर्टल के अन्तर्गत जनसामान्य से प्राप्त होने वाली शिकायतों की समीक्षा मुख्यमंत्री एवं मंडलायुक्त द्वारा की जाती है। वहीं जनपद स्तर से जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) व नोडल अधिकारी द्वारा समय-समय पर शासन के अनुरूप आईजीआरएस पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण हेतु बैठक पर की जाती है तथा वॉट्स एप ग्रुप में पत्र के माध्यम से निर्देश दिये जाते हैं। इसके बाद भी जनशिकायत पोर्टल को गम्भीरता से नहीं लिया जा रहा है। इसी से प्रतिकूल प्रभाव जनपद की रेकिंग पर पड़ता है। कहा कि संबंधित विभागों को स्पष्टीकरण पत्र प्राप्ति से 2 दिन के अन्दर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। स्पष्टीकरण समय-सीमा में प्रस्तुत नहीं करने पर कार्रवाई होगी।
More Stories
पद्मश्री ओलंपियन सुधा ने खिलाड़ियों में भरा जोश
गोंडा में वर्चस्व की लड़ाई में भिड़े विधायक और प्रमुख समर्थक
आजम की रिहाई आज, एक साल 11 महीने और चार दिन से हैं बंद