उद्यमी ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी से की शिकायत
यूपीसीडा के जिम्मेदारों पर भी मिलीभगत का आरोप

रायबरेली। विवादित कीमती भूखंड को गुमराह करके बेचने का मामला प्रकाश में आया है। प्रकरण में एक पक्ष ने डीएम से मिलकर शिकायत की। साथ ही यूपीसीडा के जिम्मेदारों पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया है। डीएम ने प्रकरण जांच कराकर उचित कार्रवाई करने का भरोसा दिया है।

शहर के प्रतिष्ठित कारोबारी उमेश सिकरिया ने बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी के नाम वर्ष 2012 में अमावां रोड पर प्रथम आवंटी दिलदार सिंह से भूखंड लिया था। जिस पर उनका कब्जा है। इसके दस्तावेज यूपीसीडा में भी मौजूद है। लेकिन दिलदार सिंह ने उसी जमीन को धर्मेंद्र सोनकर के हाथ बेच दिया। इतना ही नहीं कागजों पर उनका कब्जा भी दिखाया गया, जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने कार्रवाई की। इस मामले में यूपीसीडा के कुछ जिम्मेदार भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं और उन्हें गुमराह कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस मामले में दीवानी में एक वाद दायर कर किया था, जो कि अभी विचाराधीन हैं। इतना ही नहीं गलत तरीके से जमीन को बेचना वाला दिलदार सिंह डेढ़ वर्ष से जेल में हैं, लेकिन कुछ लोग जबरन गलत तरीके से यूपीसीडा के कुछ अधिकारियों की मदद से अपना कब्जा दिखाना चाह रहे हैं। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को जिलाधिकारी से मिलकर प्रकरण से अवगत करा दिया है। इस दौरान मामले से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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