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जाति जनगणना पर सियासी घमासान, इंडिया को मिलेगा लाभ या एनडीए करेगी पलटवार

लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नीतीश ने खेला मास्टर स्ट्रोक, देश में चढ़ने लगा सियासी पारा
नई दिल्ली : देश में राजनीति का पारा चढ़ने लगा है। वजह, बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जाति जनगणना के रूप में खेला मास्टर स्ट्रोक। जातीय जनगणना के सहारे इंडिया अब मोदी सरकार को घेरती नजर आ रही है। यह तो भविष्य में ही पता चल सकेगा कि इसके सहारे इंडिया की वैतरणी पार होती है या फिर एनडीए पलटवार करती है। हालांकि बिहार में जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद अब  कांग्रेस समेत लगभग सभी विपक्षी दल आक्रामक होती नजर आ रही है। इसके साथ ही केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ने लगा है।
देशभर में विपक्षी गठबंधन की गोलबंदी के अगुआ नीतीश कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का सिरदर्द बढ़ा दिया है। जातीय जनगणना के रूप में विपक्ष को मोदी सरकार को घेरने के लिए एक बड़ा हथियार मिल गया है। I.N.D.I.A. गठबंधन इस मौके लोकसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी में है। यूपी विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और स्वामी प्रसाद मौर्य ने 85 बनाम 15 का मुद्दा पहले ही उठा चुके हैं। यानी 24 के चुनाव में विपक्षी दलों ने इसे मु्द्दा बनाने का संकेत दे दिया है।

आबादी के आधार पर आरक्षण कर सकते मांग
पिछड़े वर्ग की आबादी के आधार पर उनके आरक्षण बढ़ाने को लेकर आवाज अभी से उठने लगी है। वर्तमान में ओबीसी को 27 प्रतिशत ही आरक्षण मिलता है। ओबीसी वोट बैंक को अपनी ओर लाने के लिए लालू और नीतीश आने वाले वक्त में आरक्षण बढ़ाने की मांग कर सकते हैं।
हां, ये जरूर है कि बिहार की जाति जनगणना की रिपोर्ट आ जाने के बाद ओबीसी वर्ग के वोटों के लिए जमकर मारामारी मचेगी। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) गठजोड़ का जिक्र उसी मारामारी की तरफ इशारा कर रही है।