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हर्षौल्लास से मना प्रकाश पर्व, उमड़े श्रद्धालु

“भया अनंद जगत विच” कल तारन गुरु नानक आया

रायबरेली। निरंकारी जोति श्री गुरु नानक देव जी का 555 वा प्रकाश पर्व गुरु नानक नगर गुरुद्वारा व फिरोज गांधी गुरुद्वारे में बहुत ही हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुबह अमृतवेला से ही ज्ञानी जगरूप सिंह जी, ज्ञानी गुरविंदर सिंह जी,सुखमनी सेवा सोसायटी ने सुखमनी साहब का पाठ, नितनेम का पाठ किया,उसके उपरांत हजूरी रागी बलिहार सिंह जी व पंथ के प्रसिद्ध रागी भाई साहब भाई तजिंदर सिंह जी हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर ने अपने कथा कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया।

जानी जगरूप सिंह जी ने गुरु जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में तलवंडी (शेखपुरा) जो इस समय पाकिस्तान में है और ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध है,में जन्म हुआ था गुरुजी ने ऊंच नीच के भ्रम को दूर करने के लिए बड़े छोटों को चरण वंदना अर्थात नम्रता के साथ मिलना एवं रहना सिखाया।

समाज के वरिष्ठ सदस्य सुरेंद्र सिंह मोंगा जी ने प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरुजी का जन्म तब हुआ था जब सारा संसार पाप, द्वेष में चल रहा था धर्म की दुनिया में मानव प्रलय आ गई थी, श्री गुरु नानक देव जी ने संसार में एकता, प्रेम, समता का संदेश दिया, सारी सृष्टि की भलाई की अरदास की,गुरुजी ने गरीब भाई लालो जी को सम्मान दिया वही धनी सेठों के यहां जाने से इसलिए मना कर दिया जिन्होंने गरीबों की कमाई को हड़प करके धन इकट्ठा किया था, गुरु जी ने अपनी मेहनत की कमाई करके ही जीवन चलाने की प्रेरणा दी थी गुरुद्वारा साहब में शहर के गण्यमान्य लोगों ने माथा टेक कर गुरुजी का आशीर्वाद प्राप्त किया ।उपरांत अरदास के बाद लंगर का आयोजन हुआ जिसमें श्रद्धालुओं ने बड़े उत्साह के साथ लंगर (प्रसाद) ग्रहण किया।

दोनों गुरुद्वारों में परसों से रखे गए अखंड पाठ साहब का समापन देर शाम को होगा ।इसमें बाहर से आए रागी एवं कथावाचक के अलावा गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल के वीरो ने भी कीर्तन किया। इसमें प्रमुख रूप से त्रिलोचन सिंह मोगा,जोगिंदर सिंह अरोड़ा, अवतार सिंह छाबड़ा,त्रिलोचन सिंह नरूला,हरविंदर सिंह सलूजा,जसविंदर सिंह गांधी,गुरमीत सिंह मोगा,परमजीत सिंह गांधी सभासद,दलजीत सिंह अरोड़ा,गुरजीत सिंह तनेजा,बलजीत सिंह मोंगा,गुरमीत सिंह तनेजा,हरमंदर सिंह सलूजा,हरचरण सिंह मोंगा, तेजपाल सिंह मोगा,पंजाब सिंह मोंगा,नरेंद्र सिंह अरोड़ा,दलजीत सिंह अरोड़ा,सुरेंद्र सिंह बल्लू,रतन सिंह सलूजा,गुरबचन सिंह सलूजा,गुरबख्श सिंह बग्गा,सुरेंद्र सिंह बग्गा,कमल जीत सिंह बग्गा,जसबीर सिंह,कमलजीत मखीजा आदि उपस्थित रहे