– सिविल लाइन चौराहा पर ओवरलोड ट्रक ने बस में मारी टक्कर, 10 यात्री घायल
– ट्रक को बाहर खिंचवाने में काफी देर तक करनी पड़ी मशक्कत, घायल अस्पताल में भर्ती
– ट्रैफिक संभालने के बजाय वाहनों पर कार्रवाई पर देते अधिक ध्यान, दिनोंदिन बिगड़ती जा रही व्यवस्था

शशांक सिंह राठौर
रायबरेली। एक तेज झटका और फिर रोडवेज बस में चीख पुकार मचने लगी। यही कहीं और नहीं बल्कि शहर के सिविल लाइन क्षेत्र का दृश्य। ओवरलोड ट्रक ने सदर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत सिविल लाइन चौराहा पर प्रयागराज जा रही रही रोडवेज बस को टक्कर मार दी। हादसे में बस में बैठे 10 यात्री घायल हो गए जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके पर पहुंचे सीओ सिटी ने मामले की पड़ताल की।
अति व्यस्तम सिविल लाइन चौराहा पर तेज रफ्तार ओवर लोड ट्रक ने बुधवार सुबह एक बड़े हादसे को अनजाम दिया। प्रयागराज जा रही रोडवेज बस को ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। इसके बाद भी ट्रक चालक का वाहन पर नियंत्रण नहीं हो सका जिससे बस दुकान में घुस गई। हादसे से सिविल लाइन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन पुलिस और मौजूद लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। हादसे में बस में बैठे श्याम लाल, उर्मिला, सुमित, मनोज, हर्षित, राम विलास, रघु, ब्रजेश बहादुर व हर्ष घायल हो गए। जिन्हें एबुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके पर पहुंचे सीओ सिटी अमित सिंह ने घटना की पड़ताल की।
अति व्यस्तम सिविल लाइन चौराहा पर तेज रफ्तार ओवर लोड ट्रक ने बुधवार सुबह एक बड़े हादसे को अनजाम दिया। प्रयागराज जा रही रोडवेज बस को ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। इसके बाद भी ट्रक चालक का वाहन पर नियंत्रण नहीं हो सका जिससे बस दुकान में घुस गई। हादसे से सिविल लाइन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन पुलिस और मौजूद लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। हादसे में बस में बैठे श्याम लाल, उर्मिला, सुमित, मनोज, हर्षित, राम विलास, रघु, ब्रजेश बहादुर व हर्ष घायल हो गए। जिन्हें एबुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मौके पर पहुंचे सीओ सिटी अमित सिंह ने घटना की पड़ताल की।

हादसों को नजरअंदाज कर चालान में व्यस्त जिले की पुलिस
जिले की ट्रैफिक व्यवस्था इन दिनों चरमराई हुई है। वजह, कहीं ना कहीं मूल कर्तव्यों से जिम्मेदारों का भटक जाना है। वैसे तो यातायात पुलिस की जिम्मेदारी व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने की होती है, लेकिन ऐसा कुछ हो नहीं रहा है। आन लाइन चालान के चक्कर में ट्रैफिक संचालन को भूलते जा रहे हैं। मोबाइल लेकर सिर्फ यही ध्यान देते रहते हैं कि किस पर कार्रवाई करें। नतीजतन हादसों में दिनोंदिन इजाफा होता जा रहा है। वहीं जाम तो आम बात है। सुबह से लेकर शाम तक प्रमुख चौराहों पर वाहनों की लंबी कतार कभी भी देखी जा सकती है। त्योहार में तो आधा-आधा घंटा तक लोग जाम में फंसे रहते हैं। शहर का सिविल लाइन, रतापुर चौराहा, घंटाघर चौराहा, डिग्री कालेज चौराहा, बस स्टेशन, सुपर मार्केट, कहारो का अड्डा, जहानाबाद चौकी आदि ऐसे स्थान हैं, जहां पर पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। इसको लेकर जिम्मेदारों ने आज तक कोई प्लान नहीं तैयार कर सके। कभी-कभी अफसरों के वाहन भी जाम में फंस जाते हैं। ऐसे में मातहत हूटर आदि के माध्यम से खुद तो निकल जाते हैं, लेकिन आमजनमानस की इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं देते हैं।

हमेशा मोबाइल और वाहन पर ध्यान
प्रमुख चौराहों पर खड़े पुलिस कर्मी हमेशा इस फिराक में रहते हैं कि कौन से वाहन को पकड़कर चालान कर दें। इनकी व्यस्तता ट्रैफिक को लेकर कम चालान पर ज्यादा रहती है। सबसे खास बात ट्रैफिक इंचार्ज तक इस बात से वाकिफ हैं, लेकिन उनके द्वारा भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। अवैध वसूली में व्यस्त जिम्मेदारों को ट्रैफिक संचालन को लेकर तनिक भी फिक्र नहीं है। अगर इसी तरह चलता रहा तो यह समस्या एक ना एक दिन जरूर किसी बड़ी घटना का कारण बन जाएगा।

चौराहे के आसपास अतिक्रमण पर मेहरबान जिम्मेदार
सिविल लाइन चौराहा के आसपास अतिक्रमण भी हादसे का एक बहुत बड़ा कारण है। अतिक्रमणकारियों पर जिम्मेदार इस कदर मेहरबान है कि अभियान में भी इनका बाल बांका तक नहीं हो पाता है। चौराहे पर स्थित रेस्टोरेंट संचालक को कई बार चेतावनी दी जा चुकी है। बाद में सब मामला ठंडे बस्ते में चला गया। कम जगह होने के बावजूद सवारी गाड़ियां भी खड़ी रहती हैं। यह सबकुछ किसी और नहीं बल्कि खाकी के सामने है। अतिक्रमण ना ही डग्गामार वाहनों पर आज तक कोई कार्रवाई की गई।
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