– आचार्य द्विवेदी नगर में अमृत योजना के तहत आचार्य द्विवेदी नगर में पाइप लाइन डालने के दौरान हुई घटना
रायबरेली। शहर में अमृत योजना के तहत सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। आचार्य द्विवेदी नगर में पाइप लाइन डालने के दौरान एक श्रमिक सीवर के गहरे गड्ढे में गिर गया। जिस पर साथी श्रमिक उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए जहां चिकित्सक ने गंभीर हालत बताई जिस पर श्रमिक को केजीएमयू लखनऊ ले जाया गया जहां पर उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। मामले को लेकर श्रमिक के परिजनों को जानकारी दी गई है। प्रशासन ने श्रमिक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश दिए हैं। घटना के बाद से ठेकेदार और फर्म कर्मियों का अता-पता नहीं है।
शहर के आचार्य द्विवेदी नगर में अमृत योजना के जरिए सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। बीती रात मोहल्ले में पाइप लाइन का काम किया जा रहा था। भारी पाइप लाइन को जेसीबी से लाया जा रहा था और श्रमिक इन पाइप को जमीन के नीचे बैठा रहे थे। इस दौरान अंधेरा होने से बहराइच जिले के बन टोकरा गांव निवासी श्रमिक कैलाश सीवर लाइन के गहरे गड्ढे में गिरकर गया। जब यह जानकारी साथी मजदूरों को हुई तो किसी तरह श्रमिक कैलाश को गड्डे से बाहर निकालकर इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया। जहां पर चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस पर जल निगम के एक्सईएन को जानकारी दी गई जिसके बाद श्रमिक को कार से केजीएमयू ले जाया गया जहां पर भी उसे मृत घोषित किया गया। उधर मामले की जानकारी सदर कोतवाली पुलिस को दी गई जिस पर पुलिस ने जांच की। मामले में एडीएम प्रशासन प्रफुल्ल त्रिपाठी का कहना है कि श्रमिक को ठेकेदार द्वारा इलाज के लिए पहले जिला अस्पताल लाया गया फिर उसे केजीएमयू ले जाया गया जहां उसकी मौत होने पर श्रमिक के परिजनों को पूरी जानकारी दी गई। मामले में श्रमिक के परिजनों को आर्थिक मदद दिलाने को लेकर कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए गए हैं।
पिछले साल मार्च में दो श्रमिकों की जहरीली गैस से हुई थी मौत
अमृत योजना के माध्यम से बन रही सीवर लाइन श्रमिकों के लिए कब्रगाह बनी हुई है। बिना कोई सुरक्षा के श्रमिकों को काम पर लाया जाता है और पेट की खातिर यह श्रमिक जिंदगी को जोखिम में डाल कर काम कर रहे है। साल 2022 में 29 मार्च को अमृत सीवर लाइन की टेस्टिंग के दौरान जहरीला गैस निकलने से दो श्रमिकों की मौत हो गई थी। बताते हैं उस दौरान पहले चरण में सीवर लाइन की टेस्टिंग का कार्य कराया जा रहा है। लगभग पहले चरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। घटना की सुबह तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी में तैनात सुपरवाइजर एवं मथुरा जिले के वृंदावन निवासी संजीव नागर (40) एवं राजस्थान के डौलपुर जिले के राजाखेड़ा निवासी श्रमिक योगेश वाल्मीकि (35) मनिका रोड स्थित सीवर के मैनहोल में उतरकर सफाई कर रहे थे। इसी दौरान जहरीली गैस से दोनों बेहोश हो गए। बाद में दोनों की जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रदेश सरकार ने सीवर लाइन की सफाई का काम श्रमिकों से कराने पर रोक लगा दी थी। बीती रात आचार्य द्विवेदी नगर में जिस तरह की घटना हुई है उसने कार्यदायी संस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
अमृत योजना के माध्यम से बन रही सीवर लाइन श्रमिकों के लिए कब्रगाह बनी हुई है। बिना कोई सुरक्षा के श्रमिकों को काम पर लाया जाता है और पेट की खातिर यह श्रमिक जिंदगी को जोखिम में डाल कर काम कर रहे है। साल 2022 में 29 मार्च को अमृत सीवर लाइन की टेस्टिंग के दौरान जहरीला गैस निकलने से दो श्रमिकों की मौत हो गई थी। बताते हैं उस दौरान पहले चरण में सीवर लाइन की टेस्टिंग का कार्य कराया जा रहा है। लगभग पहले चरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। घटना की सुबह तोमर कंस्ट्रक्शन कंपनी में तैनात सुपरवाइजर एवं मथुरा जिले के वृंदावन निवासी संजीव नागर (40) एवं राजस्थान के डौलपुर जिले के राजाखेड़ा निवासी श्रमिक योगेश वाल्मीकि (35) मनिका रोड स्थित सीवर के मैनहोल में उतरकर सफाई कर रहे थे। इसी दौरान जहरीली गैस से दोनों बेहोश हो गए। बाद में दोनों की जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद प्रदेश सरकार ने सीवर लाइन की सफाई का काम श्रमिकों से कराने पर रोक लगा दी थी। बीती रात आचार्य द्विवेदी नगर में जिस तरह की घटना हुई है उसने कार्यदायी संस्था पर सवाल खड़े किए हैं।
तत्कालीन डीएम भी लगा चुकी फटकार
फेज-3 में 142 करोड़ रुपये की लागत से सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। यह काम फरीदाबाद की केके स्पन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करा रही है। मौजूदा समय शहर के कृष्णा नगर, तिलक नगर, यदुवंश नगर, बस्तेपुर, रामजीपुरम, जवाहर विहार कॉलोनी, तिलक नगर, पटेल नगर, बालापुर, शिवाजी नगर, शक्ति नगर, तुलसी नगर, मलिकमऊ कॉलोनी, अंबेडकर नगर समेत 20 मोहल्लों में सीवर लाइन बिछाने का काम हो रहा है। कार्यदायी संस्था ने सीवर लाइन बिछाने के बाद सड़कों को खस्ताहाल छोड़ दिया है। लोगों का आरोप है कि प्रापर्टी डीलरों को फायदा पहुंचानेे के लिए सीवर लाइन वहां पर बिछाई जा रही है, जहां पर लोग नहीं रहते हैं। बस्ती के अंदर सीवर लाइन डालने के बाद मिट्टी की भराई नहीं की जा रही है। मामला संज्ञान में आने के बाद तत्कालीन डीएम माला श्रीवास्तव ने गंभीर रुख अपनाते हुए जल निगम के अधिशासी अभियंता और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे।
फेज-3 में 142 करोड़ रुपये की लागत से सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। यह काम फरीदाबाद की केके स्पन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी करा रही है। मौजूदा समय शहर के कृष्णा नगर, तिलक नगर, यदुवंश नगर, बस्तेपुर, रामजीपुरम, जवाहर विहार कॉलोनी, तिलक नगर, पटेल नगर, बालापुर, शिवाजी नगर, शक्ति नगर, तुलसी नगर, मलिकमऊ कॉलोनी, अंबेडकर नगर समेत 20 मोहल्लों में सीवर लाइन बिछाने का काम हो रहा है। कार्यदायी संस्था ने सीवर लाइन बिछाने के बाद सड़कों को खस्ताहाल छोड़ दिया है। लोगों का आरोप है कि प्रापर्टी डीलरों को फायदा पहुंचानेे के लिए सीवर लाइन वहां पर बिछाई जा रही है, जहां पर लोग नहीं रहते हैं। बस्ती के अंदर सीवर लाइन डालने के बाद मिट्टी की भराई नहीं की जा रही है। मामला संज्ञान में आने के बाद तत्कालीन डीएम माला श्रीवास्तव ने गंभीर रुख अपनाते हुए जल निगम के अधिशासी अभियंता और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे।

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