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एम्स प्रशासन के खिलाफ कलेक्ट्रेट में लगे नारे

– एम्स से निकाले गए गार्डों ने प्रदर्शन, अभद्रता का लगाया आरोप

– एम्स के जिम्मेदारों पर लगे आरोप, ठेला लगाने की दी गई नसीहत

शशांक सिंह राठौर

रायबरेली। मुंशीगंज स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अचानक सुरक्षा गार्डों को बाहर करने का फरमान सुना दिया गया। इससे आक्रोशित गार्डों ने एम्स प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। कलेक्ट्रेट पहुंचकर कई गंभीर आरोप भी लगाए। यहां तक मानसिक उत्पीड़न करने तक की बात कही। उनका आरोप है कि बीते पांच वर्षों से सुरक्षा गार्ड की नौकरी कर रहे पुरुष व महिला गार्डों को बिना किसी वजह से बाहर कर दिया गया। ऐसे में अब इनके परिवारों को सामने घर का गुजारा करना मुश्किल हो गया है। मामले को लेकर सुरक्षा गार्डों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया तथा डीएम से गुहार लगाई।
डीएम व एसपी कार्यालय में प्रदर्शन पहुंचे गार्डों ने बताया कि वह लोग बीते पांच सालो से कोर कम्पनी के साथ एम्स में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते थे। अब उन्होंन नौकरी से निकाल दिया गया है। आरोप लगाया है कि जब से एम्स में एक नई अधिकारी आई हैं तब से उन लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है और उनकी कहीं सुनवाई भी नही हो रही हैं। पीड़ितों ने बताया कि उन्हें बिना बताये य कारण के हटाया गया है और जब वह अपनी नौकरी जाने की बाबत पूछते है तो उन्हें सड़क पर ठेला आदि लगाने कि सलाह दी जाती है। महिला गार्डों का कहना है कि एम्स की नई अधिकारी उन्हें ऊपर से आदेश आने का हवाला देती हैं। यह भी कहती है कि वह समस्या के निस्तारण के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात करें। सभी ने प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।
एम्स में नियुक्ति को लेकर चलता है खेल
एम्स में फर्म अथवा संविदा पर नियुक्ति को लेकर खूब खेल चलता है। पहले भी एम्स प्रशासन पर गंभीर आरोप लग चुके हैं। यहां तक कि बकायदा सुविधा शुल्क लेने का मामला भी कई बार प्रकाश में आया है। इसके बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ। एक बार फिर से एम्स प्रशासन पर निष्कासित सुरक्षा कर्मियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। अब देखना है कि जिम्मेदार इसको लेकर कितने गंभीर होते हैं।