गोपाल सरस्वती विद्या मंदिर में 10 दिवसीय कार्यशाला

दिलीप सिंह
रायबरेली। गोपाल सरस्वती विद्या मंदिर में चल रहे प्रधानाचार्य पुनश्चर्या वर्ग एवं नवचयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग का 10 दिवसीय वर्ग का समापन समारोह आयोजित किया गया। मंचासीन अधिकारियों का परिचय सीतापुर के संभाग निरीक्षक सुरेश सिंह द्वारा कराया गया। मुख्य अतिथि यतीन्द्र शर्मा अखिल भारतीय सहसंगठन मंत्री को विद्यालय के प्रबन्धक विमल तलरेजा ने अंगवस्त्र एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया।

अध्यक्षता कर रहे विभाग संघचालक रायबरेली अमरेश और अवध प्रान्त के प्रदेश निरीक्षक रामजी सिंह का स्वागत किया गया। प्रशिक्षण में आये हुए सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं के बारे में रामजी सिंह द्वारा जानकारी दी गई। विभाग संघचालक अमरेश बहादुर ने कहा कि आप अच्छे कार्य और यश प्राप्त करें और विद्याभारती की रीति-नीति से परिचित होकर छात्र-छात्रओं को परिचित करायें। इस दौरान कुछ अध्यापकों ने वर्ग का अनुभव सुनाया। इसमें स्वामीनाथ, शालिनी श्रीवास्तव, लक्ष्मी शंकर दुबे आदि ने अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये।

मुख्य अतिथि यतीन्द्र ने अपने उद्बोधन में सभी प्रशिक्षकों को बताया कि शिक्षा ऐसा विषय है जो जीवन पर्यंत चलता है। वैश्विक ज्ञान को अर्जित करें और शिक्षक वैश्विक ज्ञान, संस्कृति के संस्कार एवं चरित्र की त्रिवेणी है। इसके आधार पर हम अच्छा देशभक्त भी तैयार करें। शिक्षा के माध्यम से हम समाज एवं विचार में परिवर्तन करे। विद्याभारती स्वर्ण जयंती मनाने जा रही है। चार प्रकार का बोध हिन्दुत्वनिष्ठ, का निर्माण, देश बोध, संस्कृति बोध एवं अध्यात्म बोध कराना, वैचारिक भ्रम को दूर करना, मात्रृ भाषा का विकास करना। शिक्षक को चाहिए कि भारतीय ज्ञान परम्परा को प्रसारित करता रहे और जीवन की परदर्शिता बनी रहे। हम सभी को ईश्वरचन्द्र विद्यासागर, एवं भगिनी निवेदिता के आदर्शों पर चलना चाहिए। राष्ट्र् का पुनर्निर्माण करना चाहिए। गर्व करने वाली पीढ़ी का निर्माण करना और वह देश को जाने, माने ऐसा विचार करना चाहिए।

आभार प्रदर्शन साकेत विभाग सम्भाग निरीक्षक अवरीश द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित उत्तम कुमार मिश्र, अवधेश एवं कार्यक्रम का संचालन रामनिवास ने किया। सह व्यवस्था प्रमुख अंजनी कुमार बाजपेयी, राजेश वर्मा, सुनील बाजपेयी, सत्यप्रकाश द्विवेदी, मीडिया प्रभारी बाबुल नाथ दुबे मौजूद रहे।
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