BEDHADAK NEWS

BedhadakNews.in

Oplus_16908288

खनन अधिकारी को वाहन चालकों ने घेरा, किया हंगामा

मौरंग मंडी ने ओवरलोड वाहनों पर नहीं कर सके कार्रवाई, लौटे मायूस

 

 

संवाददाता, रायबरेली, अमृत विचार। शहर कोतवाली में मनमाने ढंग से संचालित मौरंग मंडी में उस समय हंगामा होने लगा, जब जांच करने के लिए खनन अधिकारी पहुंच गए। ओवरलोड के साथ ही अन्य कागजात चेक करने पर ट्रक चालकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते लोगों का मजमा लग गया। इस दौरान एक ट्रक चालक कार्रवाई होता देख खनन अधिकारी की गाड़ी के सामने ही लेट गया। मामला बढ़ता देख बिना कार्रवाई किए ही खनन अधिकारी लौट आए। उनके जाने के बाद चालक शांत हुए।

” मेरी पोस्टिंग अभी नई है। मुझे मंडी की जानकारी नही थी। मैं रूटीन चेकिंग पर निकला था। कल भी मैने ऊंचाहार-डलमऊ रोड पर तीन चालान किए थे।। यहां पर कई गाड़ियां बिना रवन्ना और अधूरे कागजात के दौड़ रही हैं, जिन पर कार्रवाई तय है। वायरल वीडियो में जो भी हुआ उसके बाद युवक ने मुझसे माफी भी मांगी है।”

ईश्वर चन्द्र

खनन अधिकारी, रायबरेली

शहर के राजघाट में मौरंग मंडी संचालित है। यहां पर मौरंग, गिट्टी आदि लदे वाहन अधिकांश ओवरलोड होकर सड़क के किनारे ही खड़े रहते हैं। वहां पर रहने वाले दबंग छवि के लोगों की मजबूत पकड़ और अफसरों की सेटिंग-गेटिंग के कारण यहां पर खड़े वाहनों पर शायद ही कभी कार्रवाई हुई हो। हाल यह है कि चंद कदम की दूरी पर राजघाट चौकी भी है। उनके सामने ही ओवरलोड वाहन गुजरते रहते हैं। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती है। शनिवार को डंपर और ट्रकों की रॉयल्टी चेक करने के लिए खनन अधिकारी ईश्वर चन्द्र अचानक मौरंग मंडी पहुंच गए। खनन अधिकारी ने जांच के दौरान कई खामियां पकड़ी, जिस पर वह वाहनों का चालान करने लगे। कार्रवाई होता देख ट्रक के ड्राइवर एकत्रित होकर हंगामा करने लगे। अधिकारी और ट्रक ड्राइवरों के बीच लगभग एक घंटे तक हाइवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। देखते ही देखते कानपुर-रायबरेली मार्ग पर लोगों का तांता लग गया। वहां पर किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। ड्राइवरों के हाइवोल्टेज ड्रामे के बाद खनन अधिकारी बेबस होकर खाली हाथ लौट गए।

खनन अधिकारी से झड़प पर खाकी की चुप्पी

खनन अधिकारी को जिस तरह से मायूस होकर लौटना पड़ा, इससे साफ जाहिर है कि कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला है। चंद कदम पर राजघाट चौकी भी है। इसके बावजूद खुद को खनन अधिकारी अकेला महसूस कर रहे थे।दबाव इतना बढ़ा कि वह कार्रवाई की कौन कहें चुपचाप निकलने में अपनी भलाई समझी। इन सबके बावजूद वाहन चालकों के रवैये के प्रति खाकी की चुप्पी किसी को हजम नहीं हो रही है।