
– नगर पालिका अध्यक्ष और ईओ के सामने एनपीएस में 12 लाख से अधिक के घोटाले का गूंजा मामला, लिपिक आशुतोष सिंह के वापस लाने का रखा प्रस्ताव
रायबरेली: नगर पालिका परिषद बोर्ड बैठक में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। एनपीएस में 12 लाख से अधिक घोटाले के मुद्दे पर सभासदों ने अध्यक्ष और ईओ के सामने ही लेखाकार का विरोध करने लगे। इतना ही नहीं उनके निलंबन और जांच कराकर कार्रवाई की मांग पर अड़ गए। अध्यक्ष शत्रोहन सोनकर के काफी समझाने-बुझाने के बाद सभी शांत हुए। साथ ही लेखाकार गिरीश बहादुर सिंह के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस दौरान विकास कार्यों पर चर्चा हुई। इसमें शहर की सड़कों की दशा को लेकर सभासदों ने चिंता जताई। जिस पर अध्यक्ष ने बारिश के बाद कार्य शुरू कराने का भरोसा दिया। कहा कि सबके सहयोग से शहर को बेहतर बनाया जाएगा। सड़क, पार्क, वाटर ड्रेनेज सिस्टम आदि में सुधार पहली प्राथमिकता है।
इससे पहले पालिका सभागार में बोर्ड बैठक प्रारंभ हुई। संचालन करने के लिए पहुंचे लेखाकार गिरीश बहादुर सिंह को देखते ही सभासद भड़क गए। हंगामा करते हुए एनपीएस में गड़बड़ी का सूत्रधार बताते हुए निलंबन करने की कार्रवाई पर अड़ गए। काफी मान मनौव्वल के बाद किसी तरह बात बनी। इसी दौरान कई सभासदों में पूर्व में तैनात वरिष्ठ लिपिक आशुतोष सिंह के सलोन नगर पंचायत में संबद्ध होने के मुद्दे को उठाया। साथ ही उनके यहां पर दोबारा लाने की सर्वसम्मति से बात कही। अधिशासी अधिकारी स्वर्ण सिंह ने कहा कि कर्मचारियों को हक दिलाया जाएगा। वर्तमान में संविदा सफाई कर्मियों के वेतन का मामला काफी हद तक सुलटा लिया गया है। नगर पालिका परिषद बालिका इंटर कालेज के शिक्षिकाओं के वेतन में पांच हजार रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया, जिस पर सभी ने सहमति जताई। इस मौके पर सभासद रामखेलावन, परमजीत गांधी, शबिस्ता बृजेश, पुष्पा देवी, कमरूद्दीन, धर्मेंद्र द्विवेदी, मोहित कुमार सिंह, शैलेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।
इनसेट
नगर पालिका कार्यालय को सुपर मार्केट से हटाकर रायबरेली विकास प्राधिकरण ले जाने और सुपर मार्केट के ध्वस्तीकरण के प्रस्ताव का परमजीत गांधी समेत कई सभासदों ने विरोध किया। कहा कि इससे सैकड़ों परिवारों की जीविका पर असर पड़ेगा। पहले मरम्मत कराया जाए। इसी तरह जनसुनवाई के लिए पालिका की ओर से आईटीआई कैंपस में कैंप कार्यालय खोलने का प्रस्ताव रखा गया। इसका भी कुछ सभासदों ने विरोध किया। सभी सभासदों ने एक स्वर में उनके द्वारा दिए गए कार्यों के प्रस्तावों को प्रमुखता से कराने की मांग की।
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