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मॉडल नहीं बन सके गांव, पांच एडीओ को नोटिस

 

डीपीआरओ ने ऊंचाहार, सतांव, सरेनी, गौरा और रोहनिया के सहायक विकास अधिकारियों से मांगा जवाब

शशांक सिंह राठौर

रायबरेली। मॉडल ग्राम घोषित करने में हीलाहवाली करना सहायक विकास अधिकारियों को महंगा पड़ गया। जिला पंचायत राज अधिकारी ने लापरवाही बरतने पर पांच एडीओ पंचायत को कारण बताए नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। सबसे खराब दशा सरेनी और रोहनिया की है जहां पर एक भी गांव को मॉडल ग्राम नहीं घोषित किया जा सका है।

विकासखंड दीन शाह गौरा में 16 मॉडल गांव चयनित किए हैं और केवल एक गांव को घोषित किया गया है। इसी तरह ऊंचाहार में 13 मॉडल गांव हैं और केवल दो गांव को घोषित किया गया है। सतांव में 13 मॉडल गांव चयनित हैं और 4 गांव घोषित किए गए हैं। सरेनी में 25 मॉडल गांव हैं और एक भी गांव घोषित नहीं किया गया है। इसी तरह रोहनिया में तीन ग्राम पंचायत मॉडल गांव की श्रेणी में हैं और एक भी गांव को मॉडल घोषित नहीं किया गया है।

डीपीआरओ नवीन कुमार सिंह ने मामले में लापरवाही को लेकर एडीओ पंचायत कैलाश नाथ पटेल, संजीव कुमार शर्मा, प्रणवीर प्रताप सिंह, सतेंद्र मिश्रा और बिकाऊ प्रसाद को कारण बताओ नोटिस दिया है।

ऐसे सवरेगा मॉडल गांव
ग्राम पंचायतों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने के लिए पंचायती राज विभाग ने चयनित गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। गांवों का चयन कर लिया गया है। इन गांवों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी घरों को शौचालय मुहैया कराने के बाद अब शासन ने दूसरी पहल शुरू कर दी है। योजना के तहत 2024-25 तक जिले के सभी गांवों को पूरी तरह से स्वच्छ बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। इसके पहले चरण में स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 के तहत जिले के चयनित गांवों को ओडीएफ प्लस में शामिल करते हुए मॉडल गांव के रूप में विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है। गांवों का चयन करने के बाद पूरी तरह से स्वच्छ व गंदगी मुक्त बनाने के लिए बिंदुवार तैयार कार्ययोजना तैयार कर ग्राम पंचायत स्वच्छता प्लान के तहत पंचायतीराज पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड किया जा चुका है।
यह कार्य 70 प्रतिशत स्वच्छ भारत मिशन और 30 प्रतिशत वित्त आयोग से किया जाएगा। पहले चरण में पांच हजार से ज्यादा आबादी वाले गांवों का चयन किया गया है।

मॉडल गांवों में होंगे यह कार्य
चयनित मॉडल गांवों में सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन, कचरा ढोने के लिए ई-रिक्शा अथवा ट्राई साइकिल के साथ ही कूड़ा संग्रहण एवं पृथक्करण केंद्र बनाए जाएंगे। केंद्र में एकत्रित कचरे से प्लास्टिक को अलग किया जाएगा।

गांवों में खाद गड्ढे का निर्माण कराया जाएगा। तरल पदार्थों के लिए सोख्ता पिट का निर्माण कराया जाएगा। नालियों को एक दूसरे को जोड़ते हुए गंदे पानी को गांव के बाहर निकाला जाएगा। जहां नाली से आने वाले गंदे पानी को शुद्ध कर उसे कृषि योग्य बनाया जाएगा। गांवों को पूरी तरह से खुले में शौच मुक्त करने, ठोस व गीला कचरा निस्तारण प्रबंधन पर काम किया जाएगा। पॉलीथिन मुक्त गांव प्रबंधन और माहवारी प्रबंधन पर कार्य किया जाएगा। ऐसे गांवों में बने सामुदायिक प्रसाधन भवनों पर माहवारी प्रबंधन के तहत इंसीनिरेटर लगाया